छोटी शुरुआत से मिलते हैं बड़े नतीजे
छोटी शुरुआत से मिलते हैं बड़े नतीजे
तीस साल तक एचडीएफसी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, दुबई तथा सिटीबैंक दुबई और बहरीन में वरिष्ठ पदों पर कार्यानुभव प्राप्त करने वाले समित घोष ने बैंकों की शानदार नौकरी छोड़कर 2005 में छोटे-छोटे व्यवसाइयों, खासकर महिलाओं को फाइनेंस करने के लिए स्थापित की नॉन बैंकिंग फाइनेंस माइक्रोफाइनेंस कंपनी, उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेस जिसे हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक से स्मॉल फाइनेंस बैंक की अनुमति मिली है।
छोटे व्यवसाइयों को सरल पूंजी
विगत एक दशक में बिना जमा राशि स्वीकार किए प्राइवेट इक्विटी फंड से इकट्ठा पूंजी से उज्जीवन फाइनेंसियल सर्विसेस ने 26 लाख ग्राहको ( 99 फ़ीसदी महिलाएं ) को ₹3500 करोड़ रुपए का कर्ज वितरित किया है। कंपनी का वसूली कीर्तिमान है, 99.8 फ़ीसदी। देश के 24 राज्यों में उज्जीवन फाइनेंसियल सर्विसेस की कंप्यूटराइज्ड 464 शाखाएं हैं, जिनका ऑपरेशन 8000 कर्मचारी संभाल रहे हैं। कंपनी की नेटवर्थ ₹770 करोड़ हो गई है और जिन मित्रों ने समित को सीड कैपिटल जुटाने में मदद की थी, उन्हें उनकी पूंजी का 14 गुना रिटर्न मिला है। मुनाफा अर्जक उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेस को स्मॉल बैंक की अनुमति मिलने के बाद समित घोष कहते हैं कि अब हमें जमा स्वीकार करने की अनुमति मिल जाएगी और कर्ज वितरण क्षमता बढ़ जाएगी। यानी उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेस और ज्यादा छोटे व्यवसाइयो को सरल शर्त पर कम लागत की पूंजी उपलब्ध करवा सकेगी।
मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि में शुरुआत
1949 में झारखंड के मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे समित घोष के पिता डॉक्टर थे, तो मां पद्या अध्यापक अर्थशास्त्र और मैथ्स में ग्रेजुएशन के बाद समित ने कोलकाता की एक इंजीनियरिंग कंपनी में 2 साल मैनेजमेंट ट्रेनि की हैसियत से नौकरी कि। इसके बाद 1974 में व्हाॅर्टन स्कूल, अमेरिका से एमबीए की डिग्री हासिल की। 1975 में स्वदेश वापसी के बाद सिटी बैंक ज्वाइन किया और कॉर्पोरेट बैंकिंग सीखी। देश दुनिया के कॉर्पोरेट वर्ल्ड को बैंकिंग सेवा उपलब्ध करवाते हुए समित ने देखा जो सक्षम शिक्षित है, वे तो बैंकों से आसानी से फाइनेंस प्राप्त कर लेते हैं, पर छोटे व्यवसायी इससे वंचित है। अपने ज्ञान और अनुभव से वंचितों को लाभांन्वित करने के स्व. पिता के प्रयासों को याद रखते हुए समित घोष ने अपनी सारी बचत 60 लाख रुपये और मित्रों से प्राप्त कर्ज से बेंगलुरु में नॉन बैंकिंग माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूट उज्जीवन फाइनेंसियल की स्थापना की।
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